Monday, June 1, 2015

दोहे

दोहे 'सभी लाइनें व्यस्त' दोहा संग्रह से-
1.
खाली काॅपी छोड़ना,था जिनका दस्तूर
साफ सफाई में मिले,अंक उनको भरपूर

2.
जिन्दा थे जब तक पिता,रही सोच बेमेल
दर्पण कहता हू- ब- हू, शक्लें खाती  मेल

3.
पत्तन के संकेत बिन,नभ में उड़ें विमान
कभी कभी यमदूत भी,फिरते लेकर जान

4.
रोटी की तस्वीर को, देखो  करते  चेट
भूख मिटा लो आंख की,फिर देखेंगे पेट

5.
सीसीटीवी केमरा, शातिर चुगलीखोर
पकड़े गये सबूत के,मय अपराधी चोर